A Great Village of Mithila
Friday, October 11, 2013
Wednesday, October 9, 2013
लाजे हम भागि गेलौ :- सत्यनारायण झा
१९६६सं १९७२ तक हमरा गाम मे दुर्गा पूजा मे नाटक बहुत जोर सोर सं होयत छलैक |प्रचार पसार सेहो खुब होयत छलैक |दुर्गा स्थानक फिल्ड लोक सं पाटि जाइत छलैक |ओहि समय के टीम एतेक ससक्त रहैक जे नव तुरिया लग बुढा सभ के नहि चलनि |पूजा कमिटी अलग आ नाटक कमेटी अलग |दुनुक फंड सेहो अलग अलग |रांटी ,मंगरौनी पिलखवार मिथिलाक सर्वश्रेष्ठ गाम ,पुरा गाम संस्कृत विद्वान सं भरल आ तेहने रूढ़ीबादी सभ |नाटक के बिरोध ,जे नाटक मे भाग लेत ओकरा हाथक कियो पानि नहि पितै |मुदा नवतुरियो सभ एक जुट, नहि पानि पिताह त’ हम सभ अपना मे पियब आ एना संघर्ष कय हमरा लोकनि नाटक खेलेलौ आ बुढा सभ सेहो देखय लगलाह आ भरि भरि राति देखैत छलाह |नव तुरिया स्वतंत्र भ’ गेल आ हमरा सभक नाटकक प्रचार बहुत भ’ गेलैक |ओहि समय दुर्गास्थान गनले गुथल गाम मे रहैक तै भीड़ स्वभाविक |१९६७ के बात छैक चारिटा नाटकक चुनाव भेल ताहि मे एकटा मेघनाद बद्ध सेहो रहैक |एक दुटा धार्मिक ,बांकी सामाजिक मुदा कम सं कम दुटा मैथिली नाटक चुनाव होयक |मैथिली नाटकक पुस्तक के अभाव रहैक तैयो जेना तेना मैथिली नाटक जरुर होयक |हाँ ,त’ १९६७ मे
मेघनाद वद्ध नाटक के विषय मे कहैत छलौ ,एहि टीम मे जीवानंद मिश्र ‘जीवन’रावण
,हम राम आ भगवान मेघनाद बनल रहथि |एहिना विभिन्न पार्ट मे विश्वनाथ मिश्र उर्फ शंकरजी ,विजयनाथ झा ,भवनाथ मिश्र ,मुक्ति नारायण ,मोहन झा आदि सभ रहथि |मास्टर नर्सिंग नारायण मिश्र ,विद्यार्थी बहुत मेहनत करैत छलाह ओ पार्टो
लैत छलाह आ कास्टिंग सेहो तैयार करैत छलाह |नाटक नियत समय पर प्रारम्भ भेल |पुरा फिल्ड लोक सं भरल |४५ वर्ष पहिनेक किस्सा छैक |टेक्निक त’ ओतेक डेवलप नहि रहैक आने लोके ओतेक बुझैक ,जैह देखै से अजूबा लगैक |रावणक आवाज माइक पर लगैक जेना साक्षात रावण छैक |लक्ष्मण आ मेघनाद के युद्ध भ’ रहल छलैक आ मेघनाद शक्ति वाण के प्रयोग क’ देलकै आ लक्ष्मण मूर्छित भ’ जाय छैक |ओकर बाद रामक बिलापक सीन रहैक |जीवानंद जी रावण बनल रहथि ओ एकटा चादरि देह पर लय माइक पर गेलाह आ जनता के संबोधन केलनि जे सभ लोक शांत भ’ बैसू कारण एखुनका दृश्य राम विलाप अत्यंत मार्मिक आ सुन्दर अछि ,नाटकक अहम् भाग अछि ,पुरा श्रोता शांत ,यद्यपि जीबन जीक उद्घोषणा हमरा ठीक नहि लागल कारण ओ स्वं रावण छलाह ,हमरा समय नहि छल |स्टेज पर गेलौ |पार्ट ततेक नीक भेलैक जे बहुत लोक क’ नोर खसय लगलनि |पुरा श्रोता ग़मगीन भ’ गेलाह |आब असली बात पर अबैत छी |अंतिम सीन मे राम रावण क’ युद्ध होयत रहैक |अंत मे राम याने हम एकटा तीर रावण पर चला देलियैक |रावण के पेट मे लगलैक ,रावण राम के दुर्वचन कहैत पेट पकरि कहरति चारुकात घुमैत छैक आ रावण के पेट सं शोनितक धार फुटैत छैक आ ओ खासि परैत छैक |शोनितक बेलून ततेक नीक सं सेट रहैक जे लोक के भेलैक जे सही मे तीर लागि गेलैक आ सही शोणित खसैत छनि |दर्शक मे हल्ला उठि गेलैक |बहुत जोर हल्ला उठलैक |उद्घोषक कमलनाथ जी कतबो शांत करथीन मुदा लोक शान्ते नहि होयक |आगा के पार्ट रुकल रहैक |अंत मे रावण स्वं उठि लोक के शांत केलनि |रावण के उठैत हम लाजे पर्दा के पाछू भागि गेलौ आ लोक शांत भेलैक कि रावण फेर मूर्छित भ’ खसि परला |हमरा हिम्मत नहि भेल जे स्टेज पर जायब |हम पाछू सं माइक सं एनाउंस क’ देलियैक जे नाटक समाप्त भ’ गेल आ श्री रोहणी रमण झा सं प्रहसनक आनन्द लिअ |पर्दा खासा देलियैक |
सत्यनारायण झा के फेसबुक वाल सँ साभार
मेघनाद वद्ध नाटक के विषय मे कहैत छलौ ,एहि टीम मे जीवानंद मिश्र ‘जीवन’रावण
,हम राम आ भगवान मेघनाद बनल रहथि |एहिना विभिन्न पार्ट मे विश्वनाथ मिश्र उर्फ शंकरजी ,विजयनाथ झा ,भवनाथ मिश्र ,मुक्ति नारायण ,मोहन झा आदि सभ रहथि |मास्टर नर्सिंग नारायण मिश्र ,विद्यार्थी बहुत मेहनत करैत छलाह ओ पार्टो
लैत छलाह आ कास्टिंग सेहो तैयार करैत छलाह |नाटक नियत समय पर प्रारम्भ भेल |पुरा फिल्ड लोक सं भरल |४५ वर्ष पहिनेक किस्सा छैक |टेक्निक त’ ओतेक डेवलप नहि रहैक आने लोके ओतेक बुझैक ,जैह देखै से अजूबा लगैक |रावणक आवाज माइक पर लगैक जेना साक्षात रावण छैक |लक्ष्मण आ मेघनाद के युद्ध भ’ रहल छलैक आ मेघनाद शक्ति वाण के प्रयोग क’ देलकै आ लक्ष्मण मूर्छित भ’ जाय छैक |ओकर बाद रामक बिलापक सीन रहैक |जीवानंद जी रावण बनल रहथि ओ एकटा चादरि देह पर लय माइक पर गेलाह आ जनता के संबोधन केलनि जे सभ लोक शांत भ’ बैसू कारण एखुनका दृश्य राम विलाप अत्यंत मार्मिक आ सुन्दर अछि ,नाटकक अहम् भाग अछि ,पुरा श्रोता शांत ,यद्यपि जीबन जीक उद्घोषणा हमरा ठीक नहि लागल कारण ओ स्वं रावण छलाह ,हमरा समय नहि छल |स्टेज पर गेलौ |पार्ट ततेक नीक भेलैक जे बहुत लोक क’ नोर खसय लगलनि |पुरा श्रोता ग़मगीन भ’ गेलाह |आब असली बात पर अबैत छी |अंतिम सीन मे राम रावण क’ युद्ध होयत रहैक |अंत मे राम याने हम एकटा तीर रावण पर चला देलियैक |रावण के पेट मे लगलैक ,रावण राम के दुर्वचन कहैत पेट पकरि कहरति चारुकात घुमैत छैक आ रावण के पेट सं शोनितक धार फुटैत छैक आ ओ खासि परैत छैक |शोनितक बेलून ततेक नीक सं सेट रहैक जे लोक के भेलैक जे सही मे तीर लागि गेलैक आ सही शोणित खसैत छनि |दर्शक मे हल्ला उठि गेलैक |बहुत जोर हल्ला उठलैक |उद्घोषक कमलनाथ जी कतबो शांत करथीन मुदा लोक शान्ते नहि होयक |आगा के पार्ट रुकल रहैक |अंत मे रावण स्वं उठि लोक के शांत केलनि |रावण के उठैत हम लाजे पर्दा के पाछू भागि गेलौ आ लोक शांत भेलैक कि रावण फेर मूर्छित भ’ खसि परला |हमरा हिम्मत नहि भेल जे स्टेज पर जायब |हम पाछू सं माइक सं एनाउंस क’ देलियैक जे नाटक समाप्त भ’ गेल आ श्री रोहणी रमण झा सं प्रहसनक आनन्द लिअ |पर्दा खासा देलियैक |
सत्यनारायण झा के फेसबुक वाल सँ साभार
Saturday, April 6, 2013
Thursday, January 24, 2013
Tuesday, December 18, 2012
विजय दिवस सैनिक परिजन के सम्मानित कायल गेल

अहि अवसर पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा सैनिक के परिजन के शॉल द क सम्मानित कायल गेल। अहि में दानापुर, पटना आ जिला स अनेको सैनिक के परिजन उपस्थित छला। शहीद उमेश कुमार झा क पत्नी सुनीता देवी, मनोज कुमार झा क पत्नी उषा देवी, हरिवंश सिंह क पत्नी सविता देवी, त्रिवेणी पांडे क पत्नी मालती देवी, उमाकांत राय क पत्नी मीना देवी, इन्द्रजीत सिंह क पत्नी उर्मिला देवी आ सिपाही बी.के. ठाकुर क पुत्री डॉली कुमारी के सूबेदार रामाश्रय पांडे, असिस्टेंट कमांडेंट प्रवीण कुमार योगी पासवान, नायब सूबेदार सियाराम सिंह, महंथ चिरंजीव आदि सम्मानित केलैनी।
Tuesday, October 23, 2012
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